दलित युवती से छेड़छाड़ करने वाले दोषी को एट्रोसिटी एक्ट न्यायालय के विशेष न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने चार साल कारावास की सजा सुनाई। चार धाराओं में उस पर 10 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने की। अभिभाषक सक्सेना ने बताया 25 जुलाई 2018 को सुबह 8.30 बजे 15 वर्षीय किशोरी घर से पैदल स्कूल जा रही थी।
रास्ते में बाइक पर आए सुमेरसिंह पिता नाहरसिंह (26) निवासी शेरपुर ने उसे स्कूल छोड़ने को कहा और बाइक पर बिठाकर अपने खेत पर ले गया। दोपहर करीब 4 बजे तक खेत में चरी कटवाई। किशोरी थक कर बैठी तो सुमेरसिंह भी पास आकर बैठ गया और छेड़छाड़ की। किशोरी भागकर घर पहुंची और माता-पिता को जानकारी दी। पिता और गांव के सरपंच के साथ पिपलौदा थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस ने 27 जुलाई 2018 को दोषी सुमेरसिंह को गिरफ्तार कर 8 अगस्त 2018 को न्यायालय में चालान पेश किया। दोषी सिद्ध होने पर शुक्रवार को फैसले में न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने जबरन रोकने के आरोप में एक साल कारावास और 1000 रुपए अर्थदंड, छेड़छाड़ के आरोप में तीन साल कारावास और 3000 रुपए अर्थदंड, शारीरिक संबंध बनाने का कहने के आरोप में एक साल कारावास और 1000 रुपए अर्थदंड, दलित जानते हुए कृत्य करने पर 1 साल कारावास और 1000 रुपए अर्थदंड तथा पाक्सो एक्ट की धारा में चार साल कारावास और 4000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।