एक दिन से गायब 85 वर्षीय वृद्ध महिला का शव उसके खेत के समीप रेलवे ट्रैक के पास बरामद हुआ है। उसका गला कटा हुआ था, उल्टे हाथों की अंगुलियों पर भी धारदार हथियार से चोट के निशान हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रथम दृष्ट्या हत्या के पहले बदमाशों और वृद्ध महिला के बीच हाथापाई भी हुई, जब वह थक गई तो गला रेतने के बाद उसके सीने में चाकू घोंप दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश महिला के पैर और गले से चांदी के आभूषण भी ले गए। पुलिस मामले को लूट के इरादे से हत्या करना मानकर जांच कर ही है।
जानकारी के अनुसार बाबूलाल सूर्यवंशी की मां धापूबाई पति पर्वतलाल (85) का शव रेलवे ट्रैक के पास पड़ा मिला। शव देखते ही ग्रामीणों और परिजनों में हड़कंप मच गया। पहले तो परिजन यह मानते रहे कि ट्रेन की टक्कर से हादसे में मौत हो गई, लेकिन जब शव को पास से देखा तो गला कटा हुआ था। इधर, रेलवे कर्मचारी रतनलाल की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी। मामले में पुलिस ने एक संदिग्ध युवक को भी राउंडअप किया है। बताया जा रहा है कि उक्त युवक खेत के पास आखिरी बार देखा गया था। इसके बाद से वह गायब हो गया।
खेतों में मिले खून के निशान, डॉग स्क्वॉड से नहीं मिला सुराग
धापूबाई की हत्या की सूचना पर एसपी पंकज श्रीवास्तव और एएसपी आरएस प्रजापति भी मौके पर पहुंचे। इसके पहले लालघाटी थाना प्रभारी अनिल मालवीय ने अमले और एफएसएल अधिकारी आरसी भाटी के जरिए कई अहम साक्ष्य जुटाए। इस दौरान शव मिलने वाले स्थान से करीब 10-15 फीट की दूरी पर खून के निशान भी मिले। इससे अंदाज लगाया गया कि शव को ठिकाने लगाने के लिए शव को इधर उधर किया गया होगा। मामले में हत्यारों का सुराग लगाने के लिए डॉग स्क्वॉड भी बुलाया, पर इससे भी पुलिस के हाथ ज्यादा कुछ नहीं लगा।
बारी -बारी से बेटों के घर रहती थी
धापूबाई शाजापुर में अपने दाे बेटे बाबूलाल और राजेश के घर पर रहती थी। समय मिलने पर खेती का काम देखने के लिए आ जाती थी। इसके बाद वह कभी बड़े तो कभी छोटे बेटे के घर चली जाती। गुरुवार को भी जब धापूबाई घर नहीं पहुंची तो दोनों बेटे इसी गफलत में रह गए कि मां किसी एक के घर पहुंच गई होगी। लेकिन जब मां का शव जमीन पर पड़ा दिखाई दिया तो दोनों ही बेसुध हो गए।